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कान्हा आज तेरी जन्माष्टमी है, पर मेरा तुझसे ये कहना है,:- तेरे सारे भक्त है झूठे

हिन्द देश के लिये
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कान्हा आज तेरी जन्माष्टमी है, पर मेरा तुझसे ये कहना है,:-

तेरे सारे भक्त है झूठे, तुझ को अपना कहते है जो वो झूठे,
खुद को जो कहते है तेरा, वो भी झूठे है,
तेरी भक्ति का करके दिखावा, दुनिया को ठगते ये झूठे

क्यों झूठे है, ये तू भी सोच रहा होगा, ये झूठे भी सोच रहे होगे
तो कान्हा सुन,

तुने जब जब-रास रचाया, इन झूठो को बहुत भाया,
तुने जब भी माखन चुराया, वो भी इन को बहुत भाया,

पर कान्हा तू ये सोच रहा होगा ये तो ठीक है इस में झूठ क्या है
ये कैसे झूठे हो गये,

कान्हा यहाँ तक तो ठीक है, पर

जब दुष्टो पर चक्र चलाया, इन झूठो को क्यों समझ नहीं आया
जब द्रोपदी का चीर-हरण हुआ था, तुने उसका चीर बचाया,
कंस को मारा, पूतना को मारा, गोबरधन को उठाकर सब को बचाया

कान्हा ये किया की नहीं, किया ना, ये बात सब मानेगे,

पर इन झूठो ने रास रचाया, माखन चुराया
यहाँ तक किया, पर जब दुष्टो पर चक्र चलाने की बात आई तो,
सारे घर में छुप गये,

तुने अर्जुन को गीता ज्ञान दिया, इन झूठो ने उस को कब लिया
और जिस ने भी लिया उसने अधुरा लिया,

तुने गीता में अर्जुन से अतिताई का वध करने को कहा,
अर्जुन जो एक वीर योद्धा था, उसने गीता ज्ञान ले कर देश, समाज, धर्म
की रक्षा के लिए युद्ध किया, अर्जुन ने गीता का पूरा ज्ञान ले कर,
अपने बारे में, परिवार के बारे में सोचना छोड कर
देश, समाज, धर्म की रक्षा के लिए युद्ध किया
अपने ही सगो को मारा,

पर ये तेरी भक्ति का करके दिखवा अधर्म को बढाते है,
देश, समाज के विरुद्ध खड़े रहते है,

तो बता कान्हा ये झूठे है की नहीं,
दुनिया को ठगते है की नहीं,

कान्हा इन से कह दे या तो ये अपने चहरे से झूठ का पर्दा हटा दे,
या फिर
तेरे भक्त बने तो पुरे बने, देश, समाज, धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करे

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