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आप का हिन्दू होना ही आप का अपराध होगा

हिन्द देश के लिये
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आप सोच रहे होगे ये क्या बकवास है, ये कोई हिन्दू साम्प्रदायिक व्यक्ति होगा आप जो चाहे सोच सकते है, पर ये सोनिया गाँधी करना वाली है, विश्वास ना हो तो पड़े “साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक – 2011” जो http://nac.nic.in/communal/com_bill.htm पर उपलब्ध है, जिस में साफ-साफ लिखा है, की हिन्दू ही दंगा करता है |

यह कानुन तभी लागु होता हे जब अपराध “ समुह ” ( मुसलमान व ईसाई ) के प्रति “ अन्य ” ( हिन्दुओ ) के द्वारा किया गया होगा । ठिक वेसा हि अपराध “ अन्य ” ( हिन्दुओ ) के विरुद्ध “ समुह ” ( मुसलमान व ईसाई ) के द्वारा किये जाने पर इस कानुन मे कुछ भी नही लिखा गया हे । इसका एक हि अर्थ हे कि तब यह कानुन उस पर लागु हि नही होगा । इससे यह स्पस्ट है कि कानुन बनाने वाले मानते हे कि इस देश मे “अन्य” अर्थात हिन्दु हि अपराधी हे ओर “समुह” अर्थात मुसलमान व ईसाई हि सदैव पीडित है ( जैसे दुनिया में सब देशो में हिन्दू ही दंगा करता हो )

कोई अपराध भारत कि धरती के बाहर विदेशी धरती पर किया गया हो तो भी भारत मे इस कानुन अन्तर्गत उस व्यक्ति के उपर ठिक उसी प्रकार मुकदमा चलेगा मानो वह अपराध भारत मे हुआ हो । परन्तु मुकदमा तभी चलेंगा जब “समुह” (मुसलमान या ईसाई) इसकी शिकायत करेंगा । परन्तु किसी “अन्य” (हिन्दु) कि शिकायत पर यह कानुन लागु हि नही होगा ( पर देश पर हमला करने वालो को आज तक हिन्दुस्थान नहीं लाया जा रहा )

कानुन के अनुसार सरकारी अधिकारियो पर मुकदमा चलाने के लिये सरकार कि अनुमती लेना आवश्यक नही होगा ( यानी यदि कोई सरकारी कर्मचारी “समुह” का नहीं है, तो उसे तो कभी भी फासया जा सकता है )

इस कानुन के अन्तर्गत अपराध तभी माना गया है जब वह “समुह” यानी मुस्लिम / ईसाई के विरुद्ध किया गया हो अन्यथा नही अर्थात यदि हिन्दुओ को जान-माल का नुकसान मुस्लिमो / ईसाईयो के द्वारा पहुंचाया जाता है तो वह उद्देश्यपूर्ण हिंसा नही माना जायेंगा, अगर कोई हिन्दु मारा जाता है, घायल होता है, या उसकी सम्पति नष्ट होती है, अपमानित होता है, उसका बहिस्कार होता हे तो यह कानुन उसको पिडित नहि मानेंगा । किसी हिन्दु महिला के साथ किसी मुस्लिम द्वारा किया गया बलात्कार/दुराचार लैगिक अपराध कि श्रेणी मे नही आयेगा ।

यदि आप ने “समूह” का किसी व्यक्ति को अपना मकान किराये पर देना या बेचने से मना कर दिया या उस को अपने यहाँ काम पर नहीं रखा या उस की दुकान से कोई सामान नहीं लिया और वो इस की शिकायत करता है, तो भी आप के खिलाफ केस हो जायेगे वजह आप को सिद्ध करनी होगी की आप का कोई अपराधी विचार नहीं था

यदि आप “समूह” के किसी व्यक्ति के बारे में कुछ भी बात करते है, जिस से उसे ये लगता है की आप उस की खिलाफ कोई कार्य करने वाले है तो भी आप के खिलाफ केस हो जायेगे वजह आप को सिद्ध करना होगा की आप का कोई अपराधी विचार नहीं था

कानुन के अनुसार शिकायतकर्ता को सब अधिकार होंगे, परन्तु जिसके विरुद्ध शिकायत कि गई है उसके पास अपने बचाव का कोई अधिकार नही होंगा । इस कानुन के अनुसार वह तो शिकायतकर्ता का नाम भी जानने का अधिकार नही रखता हे ।

इस का अलावा और भी प्रावधान है जिस को हिन्दू उक्त काले कानून में देख सकते है, अब निर्णय आप का ?

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