हिन्द देश के लिये
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अभी नही हुई है देर,
जाग सके तो जाग ऐ इंन्सान
पेड काट कर, ना तैयार कर अपनी मौत का समान,
अभी तू जी सकता है, जो चाहे वो कर सकता है,
पर सोच कल तेरी संतान का क्या होगा अन्जाम,
जब नही कर सकेगी वो तुझ पर अभिमान,
झुक जायेगा सर उसरा, कल शर्म के मारे,
डर जायेगा देख वो, धरती के नजारे,
अभी भी सभल जा, और कर दे ऐसा काम,
जिस पर ‘राहुल’ कल सके अभिमान,
पेड बचा कर, पेड लगा कर,
कर दे इस धरती का श्रृगांर
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